भारत के 10 वे प्रधानमंत्री श्री पी वी नरसिम्हा राव 23 दिसम्बर 2004 को दिल्ली के एक अस्पताल में अपनी जिंदगी को अलविदा कह के चले गए। लेकिन भारतीय राजनीति में अपनी छाप छोड़ कर गए। देश के प्रधानमंत्री रहते हुए देश को आर्थिक तरक्की के मार्ग में ले जाने और विदेश नीति के लिए देश उनके नेतृत्व को याद करता रहेगा।
नरसिम्हा राव आंध्रप्रदेश में जन्मे और शिक्षा हैदराबाद , नागपुर यूनिवर्सिटी से हुई। पढाई लिखाई के बाद वो कांग्रेस से जुड़े और राजनीति की शुरुआत की और सबसे पहले 1957 में आंध्र प्रदेश विधान सभा के सदस्य बने । 1962 में पहली बार मंत्री परिषद ने शामिल हुये। साल 1971 से 1973 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। भूमि सुधारो के लिए श्री राव का कार्यकाल प्रशंसनीय रहा।
1978 में केंद्र की राजनीति का रुख किया और लोकसभा के सदस्य बने । इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की कैबिनेट में रक्षा, विदेश,गृह मंत्रालय को संभाला। 1991 में राजनीति से सन्यास की घोषणा की परंतु अचानक लोकसभा चुनावों के बीच राजीव गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस ने सरकार का नेतृत्व श्री राव को दिया। प्रधान मंत्री बनते ही उनके आर्थिक सुधार , विदेश नीति के लिए विख्यात हुए।
आज किसान दिवस है और देश ने किसान आंदोलन कृषि सुधारो के विरोध पर सड़को में लड़ रहा और आज के ही दिन नरसिम्हा राव का निधन हुआ था। आप मे से बहुत कम लोग जानते होंगे नरसिम्हा राव कृषि विशेषज्ञ भी थे। कृषि के सुधार और भूमि सुधार के क्रियान्वयन करने के प्रयास करते रहे।
पी वी नरसिम्हा राव एक राजनीतिज्ञ के अलावा भाषाविद,वकील, थे। श्री राव रंगमंच,कला ,साहित्य में भी रुचि रखते थे इनको 17 भाषाओ जिनमे से 8 भारतीय भाषाएं हिंदी, तमिल, तेलुगु, मराठी आदि तथा 7 विदेशी भाषाएं स्पेनिश, फ्रांसीसी ,आदि न केवल वो पढ़ समझ सकते थे बल्कि बोलने में भी माहिर थे।
तेलुगू के प्रसिद्ध उपन्यास वेई पद्गालू का सहस्रागन नाम से अनुवाद किया। the insider इनके द्वारा लिखा गया राजनीतिक उपन्यास है।
श्री राव के राजनीतिक कार्यकाल में कई आरोप लगे बाबरी मस्जिद कांड, हर्षद मेहता केस, सांसदों के खरीद फरोख्त, जैसे कई आरोप लगे। लक्ष्मी कांता जी से उनके संवंध सदा ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा के विषय रहे है। इसके साथ ही परमाणु परीक्षण कार्यक्रम की रुपरेखा तैयार करने की भूमिका के लिये भी जाना जाता है।
पी वी नरसिम्हा राव ने प्रधानमंत्री के रूप में भारत का गौरव बढ़ाया । वो शांत चित्त और स्थिरप्रज्ञ व्यक्तित्व के लिए था कठोर निर्णय लेने की अभूतपूर्व क्षमता और उनका क्रियान्वयन करने के लिए जाने जाते रहेगे।
विनम्र श्रद्धाजंलि।💐💐💐
✍️अभिषेक गौतम
क्षितिज
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11 टिप्पणियाँ
विनम्र श्रद्धाजंलि... And very well expressed
जवाब देंहटाएंधन्यवाद नितिन जी
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जवाब देंहटाएं👌❤️
जवाब देंहटाएं,😊😊
हटाएंbahut bdhia
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंHe was one of best pm in india.
जवाब देंहटाएंThank you Abhishek unka jivan Parichay likhne ke liye
धन्यवाद 😍💐
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