एक तरफा इश्क़ क्यू ये सवाल किया था ज़बाब में मौन था मैं मग़र मेरे भीतर उसका ज़बाब पल रहा था। ज़बाब था कि एक तरफा इश्क़ खुदा की इबादत की तरह है। जैसे खुदा से कुछ मांगते नही बस इबादत करने के लगें रहते है वैसे ही मैंने कभी तुम्हारा प्यार नही माँगा बस अपनी तरह से प्यार दिया ही था। मेरे लिए कुरान की आयतों की तरह पवित्र तेरे लिखे हर एक मैसेज थे, तेरी कही हर बात में गीत…
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