एक इंतज़ार ऐसा भी

 प्रिय अजन्मे बेटे /बेटी,

     

     मुझे नही पता तुम क्या होंगे- बेटे होंगे या बेटी होंगे। मग़र मैं तुम्हारा तो चाचा ही होऊंगा। तुम मेरे लिए एक अनकहे एहसास हो जिसको बयां नही किया जा सकता है ।

ये संसार माँ के बच्चे के कोख में पालने के एहसास की,पिता होने के एहसास की कल्पना करते है। जीते है उस एहसास को और उसे प्राप्त करते है, परन्तु चाचा होना भी उसी तरह का एक अलग एहसास होता है। वो एक अलग जिम्मेदारी होती है। आपकी जीवन शैली में एक नया अध्याय होता है। ये भाव बस मेरा मस्तिष्क ही बयां कर सकता है मैं नही!!

पिछले 9 महीने से मैं आपका बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। मेरी कुछ चाहते है जो आपके आने के साथ मैं जीना चाहता हूं,जैसे मैं उस एहसास को महसूस करता हूं कि पहली बार मैं कैसा महसूस करूंगा जब तुम्हे गोद मे लेकर निहारूँगा,सबसे पहले तुम्हे देख लेने का लालच ,पहली बार जब तुम्हारी हंथेली मेरे हाँथ में होगी तो वो एहसास, औऱ हां ये कह सकता हूं वो ऐसे होगा जैसे मेरे हाँथ में गंगा की एक बूंद आकर स्थिर हो गयी हो और मैं  उस पल को  रोक कर कुछ देर जीना चाहूंगा। 

 मैं तुम्हारे साथ फिर एक बार बच्चा होना चाहता हूं, एक बार फिर उस दुनिया मे जाना चाहता हूं जो पिछले कुछ सालों में धुंधली सी लगने लगी थी। तुम्हारे बचपन में अपना बचपन भी जीना है । तुम हमेशा खुश रहना जैसे भी जीना चाहो जीना तुम्हारे पीछे एक आधार होगा तुम्हारा चाचा जो तुम्हे सिर्फ आधार देगा तुम्हारी जिंदगी को अपने तरीके से जीने की। 

मैं तुम्हारे आने से पहले तुम्हारी जिंदगी को महसूस कर रहा हूं तुम्हे अपने मस्तिष्क में आने से बड़ा होने तक तुम्हारी लाइफ में अपनी जगह बनाते हुए सोच पा रहा हूं। बस इंतज़ार है तुम्हारे आने का.....!!❤️❤️


मेरे बेटे/बेटी

तुम्हारा चाचा


फ़ोटो साभार-गूगल

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