सावित्री बाई फुले को हम सब एक शिक्षाविद और समाज सुधारक वे रूप में जानते है। सावित्रीबाई फुले केवल एक समाज सुधारक ही नही बल्कि कहे तो अपने आप में एक संस्था थी उन्होंने जिस प्रकार से समाज के परंपरागत विचार से टकराकर महिलाओं के अधिकारो और उनकी शिक्षा के लिए कार्य किया उल्लेखनीय है।
सावित्री बाई फुले (SAVITRI BAI FULE) जी का जन्म महाराष्ट्र में सतारा के नायगांव में हुआ । इनका विवाह ज्योतिबा फुले (JYOTIBA FULE) जी के साथ हुआ था । ज्योतिबा फुले के साथ ही उनकी भी सामाजिक सुधारो में रुचि बढ़ती गई। सावित्री बाई ने न केवल स्वयं शिक्षा अर्जित की बल्कि इसे आगे भी बढ़ाने के लिए प्रयासरत रही । भारत की प्रथम महिला शिक्षिका बनी।
1852 में सावित्री जी ने ज्योतिबा फुले के साथ मिलकर एक स्कूल की स्थापना की जिसमे स्त्रियों, बालिकाओ, दलित महिलाओं, विधवा स्त्रियों को शिक्षा देने का कार्य शुरू किया । हलाकी उन्हें इस कार्य के ले लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा, कुछ लोगो ने इस कार्य मे विघ्न डालने का प्रयास किया, कहा जाता है जब वो विद्यालय के लिए जाती तो रास्ते मे उन पर गोबर ,कचरा, पत्थर फेकते पर उन्होंने संघर्ष जारी रखा। आगे चलकर 18 स्कूल खोले और नारी शिक्षा की अग्रणी बनी।
सावित्री बाई जी आजीवन महिलाओं के अधिकारो को लेकर लड़ाई जारी रखी विधवा पुनर्विवाह कराकर महिलाओं को एक बेहतर जिंदगी जीने के लिए प्रेरित करती, और उन्हें शिक्षित करके मदद करती थी वे कहती थी कि "विद्या ही सर्वश्रेष्ठ धन है सभी धन-दौलत से,जिसके पास है ज्ञान का भंडार वो ज्ञानी जनता की नज़रो में" सती प्रथा के खिलाफ पति के साथ मिलकर कार्य किया, छुआछूत जैसी सामाजिक बुराई का विरोध करती रही। दलित महिलाओं के सम्मान हेतु सदैव संघर्ष किया।
ज्योतिबा फुले के साथ मिलकर इन्होंने सत्यसोधक समाज की स्थापना की और दलितों के बेहतर जिंदगी के लिए कार्य करते रहे। ज्योतिवा फुले की मृत्यु के पश्चात भी उन्होंने अपने सामाजिक कार्यो को जारी रखा।
मार्च 1897 में सावित्री बाई ने प्लेग से पीड़ित लोगों की सेवा करते हुए खुद प्लेग से पीड़ित हो गयी और उनका देहावसान हो गया। परंतु वो एक विचार के रूप में हमारे बीच सदैव के लिए एक प्रेरणास्रोत बनकर समाज को दिशा देती रहेंगी ।
सावित्री बाई फुले एक शिक्षिका और समाज सुधारक के अलावा एक बेहतरीन कवयित्री थी । उन्हें मराठी काव्य का अग्रदूत कहा जाता है। उनके काव्य में उनके विचार दिखते है । उनका सारा जीवन हमारे लिए प्रेरक है।
अभिषेक गौतम
क्षितिज
फ़ोटो साभार-गूगल फोटोज़,
0 टिप्पणियाँ